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I'm Rajni Gupta

भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति बचपन से ही मेरा सहज आकर्षण रहा । उनके चित्रों को निहारना, श्रीमद् भागवत पुराण पढ़ना, गीताप्रेस गोरखपुर की किताबें पढ़ना मुझे बहुत पसंद था ।भक्तराज प्रह्लाद, ध्रुव, मीरा का बचपन मुझे आकर्षित करता था।कब ये संस्कार कहीं गहरे पैठते गये।मैं जान भी नहीं पायी ।